उत्तर प्रदेश

यूपी के इस शहर में पशु अस्पताल बदहाल, डॉक्टर रहते हैं नदारद, ग्रामीण परेशान – Tv News India

सनंदन उपाध्याय/बलिया. बलिया जिले के वैना गांव का पशु चिकित्सालय में अब एक दुखद परिस्थिति दिख रही है. यहां के पशु अस्पताल की हालत बेहद निराशाजनक है, जैसे कि गौशाला बनाने की कोशिश में समाप्ति आ गई हो. यहां पर न तो चिकित्सक की कोई उपस्थिति है और न ही पशुओं के इलाज की आवश्यकता को ध्यान में रखा जा रहा है. यहां के अस्पताल के अंदर की स्थिति को देखकर शायद आप भी हैरान हो जाएंगे कि यह पशु अस्पताल है या फिर कोई ऐतिहासिक धरोहर.

स्थानीय लोगों ने बताया कि कभी-कभी डॉक्टर तो आते हैं, लेकिन यहां बड़ी व्यवस्था नहीं है. ऐसे समय में स्थानीय लोग खुद ही पशुओं को सड़क के किनारे बैठा कर उनका इलाज करवाते हैं. यहां पर पशुओं के इलाज के लिए अस्पताल के अंदर न तो उपयुक्त उपकरण हैं और न ही विशेषज्ञ चिकित्सक. इसके अलावा, अस्पताल के अंदर भूसा, गाय, घास आदि जैसी सामग्री रखी जाती है. अस्पताल के अंदर उपयुक्त इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के चलते यहां पर डॉक्टर भी डरते हैं कि कोई दुर्घटना न हो जाए.

कई वर्षों पहले बना था पशु अस्पताल
लगभग 30 वर्ष पहले, लाखों रुपये की लागत से बलिया जिले के वैना गांव में राजकीय पशु चिकित्सालय का निर्माण किया गया था. तब पशुपालकों में पशुओं के समुचित इलाज की उम्मीद थी. हालांकि, समय के साथ अस्पताल की स्थिति बिगड़ती चली गई और आजकल यह अस्पताल खुद को उपयोगी नहीं साबित कर पा रहा है. अब तक, यह अस्पताल बदहाली की दिशा में प्रगति कर रहा है और इसका भविष्य भी खतरे में है. वास्तव में, इसकी स्थिति यहां के निवासियों के मनोबल को भी कमजोर कर देती है.

अस्पताल बदहाल, गौशाला बना अस्पताल
वर्तमान समय में, पशु अस्पताल के स्थान पर एक गौशाला की स्थापना हो चुकी है. स्थानीय लोग अब इसका उपयोग अपने गायों के लिए कर रहे हैं. वे यहां अपनी गायों को लाकर इनकी देखभाल करते हैं और उनका इलाज करवाते हैं. वास्तविकता में पशु अस्पताल का भवन अब खंडहर की तरह बन गया है और यहां पर पशुओं के इलाज के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. ऐसे में, सड़कों पर ही पशुओं का इलाज करवाया जाता है.

निजी डॉक्टर करते हैं पशुओं का इलाज
वर्तमान स्थिति में, पशु अस्पताल की कमजोर हालत के कारण स्थानीय लोग मजबूरी में निजी डॉक्टरों की सहायता ले कर ही अपने पशुओं का इलाज करवा रहे हैं. पश्चिमी चिकित्सा विज्ञान के विशेषज्ञों की कमी के चलते पशु अस्पताल की सुविधाएँ भी नहीं हैं. प्राथमिकता के कारण, लोग अपने पशुओं के इलाज के लिए निजी डॉक्टरों की सहायता ले रहे हैं. पहले जब यह पशु अस्पताल बनाया गया था, तब लोगों की उम्मीद थी कि वे अपने पशुओं को आसानी से इलाज करवा सकेंगे. हालांकि, आजकल की स्थिति यह दिखाती है कि यह सपना बेहद दूर है.

Tags: Local18, UP news

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