उत्तर प्रदेश

यहां के लोग रक्षाबंधन के त्योहार को अपशगुन क्यों मानते हैं, जानिए पूरी वजह – Tv News India

विशाल/गाजियाबादः रक्षाबंधन, जो भाई-बहन के प्यार का प्रतीक होता है, भारत में धूमधाम से मनाया जाने वाला त्योहार है. हालांकि, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के एक गांव में ऐसा नहीं होता. वहां के लोग रक्षाबंधन के त्योहार को अपशगुन मानते हैं. यह गांव अपनी विशेष परंपराओं और मान्यताओं के साथ जाना जाता है कि इस त्योहार का उनके गांव में मनाना अशुभ होता है.

“सुराना” नामक गांव के एक निवासी ने बताया कि “छाबड़िया” गोत्र के लोग इस त्योहार को बिना किसी कारण मनाने से बचते हैं. यह गांव गाजियाबाद के शहरी क्षेत्र से 35 किलोमीटर दूर है और पहचान में “सोनगढ़” के नाम से जाना जाता था.

सोनगढ़ के नाम से जाना जाता है यह गांव

इस गांव में एक ऐतिहासिक घटना की बदौलत रक्षाबंधन का त्योहार नहीं मनाया जाता है. यह घटना करीबन 11वीं सदी में हुई थी, जब राजस्थान से आए पृथ्वीराज चौहान के वंशज सोन सिंह राणा ने इस गांव में अपना डेरा डाला था. मोहम्मद गौरी ने उनके इस कदम का पता लगाया और उनके डेरे पर हमला कर दिया. इस हमले में गांव की औरतें, बुजुर्गों, जवानों को पागल हाथियों के पैरों तले जिंदा कुचल दिया गया. इस घटना के बाद गांव की स्थिति अच्छानक से बिगड़ गई और यह अब “सोनगढ़” के नाम से जाना जाता है.

वर्षों बाद भी गांव के लोग रक्षाबंधन मनाने से बचते हैं. “छाबड़िया” गोत्र के लोगों ने तय किया है कि उन्हें इस त्योहार को मनाने की कोई इच्छा नहीं है, ताकि कोई भी अनहोनी उनके साथ न हो. इसका परिणामस्वरूप, यहां के विदेशों में बसे “छाबड़िया” गोत्र के लोग भी रक्षाबंधन मनाने से बचते हैं.

Tags: Ghaziabad News, Local18, UP news

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