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delicious-Gulab-Jamun-mirzapur-British-were-convinced-of-taste – News18 हिंदी – Tv News India

मंगला तिवारी/मिर्जापुर: मिठाई का जेहन में ख्याल आते ही मुंह में पानी आना लाजिमी है. बाजार में एक से बढ़कर एक लजीज मिठाई उपलब्ध है. लेकिन बात यदि इंडियन डेजर्ट गुलाब जामुन की हो तो क्या कहने और अगर किसी खास दुकान का गुलाब जामुन खाने को मिल जाए, तब तो बात ही कुछ और है. आपने कई दुकानों से फेमस रसगुल्ले खाए होंगे लेकिन आज हम आपको मिर्जापुर जनपद के लोकप्रिय रसगुल्ले के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका क्रेज कई दशकों से वैसे ही बरकरार है .

मिर्जापुर जिला मुख्यालय से लगभग पांच किलोमीटर दूर राबर्ट्सगंज रोड पर बसा बरकछा कलां का गुलाब जामुन अपनी गुणवत्ता के लिये खास पहचान रखता है. यहां से गुजरने वाला शायद ही कोई ऐसा यात्री होगा, जिसने मिट्टी के बर्तन में मिलने वाले गुलाब जामुन का स्वाद नहीं चखा हो. यहां 6 से 7 गुलाब जामुन दुकानों में 10 रुपए पीस से लेकर 12 रुपए पीस मिलता है.  220 से 240 रुपए किलो तक की बिक्री होती है. गुलाबजामुन की बिक्री बढ़ने से यहां के दूध व्यवसाय को भी काफी बढ़ावा मिला है.

गुलाब जामुन को लंदन लेकर जाते थे अंग्रेज
बरकछा कलां के निवासी इंद्रजीत यादव ने कहा कि यहां के गुलाब जामुन के प्रसिद्धि के पीछे प्रकृति का योगदान है. यहां जो टेस्ट मिलता है लोगों को वो कहीं अन्यत्र नहीं मिलेगा. यहां का गुलाब जामुन शुद्ध खोए से बनाया जाता है, जिसमें मैदा नाममात्र का होता है. इस वजह से भी इसका क्वालिटी बढ़ जाता है. इंद्रजीत यादव ने बताया कि ब्रिटिश काल में उच्च गुणवत्ता के वजह से यहां के गुलाब जामुन को अंग्रेज लंदन लेकर जाते थे.

एक बार जो चखा हो जायेगा मुरीद
दुकानदार प्रवीण जायसवाल ने बताया कि यहां का रसगुल्ला कई दशकों से फेमस है. उन्होंने कहा कि यहां के गुलाब जामुन की महत्ता इस बात से समझी जा सकती है कि इस रास्ते से हजारों छोटी-बडी गाडियों से गुजरने वाले लोग यहां ठहरकर खुद तो स्वाद लेते ही हैं साथ में सगे-संबंधियों के लिए भी लेकर जाते हैं. खोआ से निर्मित इस मिठाई को एक बार जो चखा वह इसकी मुरीद हो गया.

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