मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने पहली बार किया इस विधि का उपयोग, बचाई कई मरीज़ों की जान – Tv News India

विशाल भटनागर/मेरठ. लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज की सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में आधुनिक तकनीक का उपयोग कर मरीज को बेहतर उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है. इसी कड़ी में गुरुवार को भी कार्डियोलॉजी विभाग द्वारा 46 वर्षीय महिला के दिल का ट्रीटमेंट बिना चीरा लगाए किया गया. जो जन्मजात दिल की बीमारी से ग्रस्त होने के कारण काफी परेशान रहती थी.
मेडिकल कालेज के मीडिया प्रभारी डा. वीडी पाण्डेय ने बताया कि जनपद मेरठ निवासी 46 वर्षीय कुसुम एक जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित थीं. जिसमे हृदय से शरीर में रक्त ले जाने वाली महाधमनी (एओरटा) की सिकुड़न होती है. ऐसे में शरीर के निचले भाग जैसे पैरों और उदर में रक्तप्रवाह बहुत कम होता है. उन्होंने बताया कि ऐसे मरीजों में रक्तचाप बहुत अधिक होने और दिल की दीवार मोटी होने के कारण सांस का फूलना आम बात है. इस बीमारी को मेडिकल भाषा में कोआर्कटेशन कहते हैं. इसके उपचार के लिए ही उन्होंने मेडिकल कॉलेज में संपर्क किया.
पहली बार किया गया इस विधि का उपयोग
कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के सहायक आचार्य डॉक्टर शशांक पाण्डेय ने बताया कि मरीज की बीमारी जटिल थी. इसमें ओपन हार्ट बाई पास सर्जरी की आवश्यकता थी. परंतु मरीज को हालत गंभीर थी. इसलिए ओपन हार्ट के लिए प्रतीक्षा करने का समय नहीं था. मरीज के तिमारदारों को बीमारी को बैलून डाइलेशन एवं स्टेंटिग विधि द्वारा ठीक किये जाने के विषय में विस्तार से समझाया गया. जिसके बाद तीमारदारों ने स्वीकृति प्रदान की. इसके बाद डां सीबी पाण्डेय सहितउनकी टीम ने सूझ बूझ के साथ मरीज के एक हाथ एवं एक पैर की कुल दो नसों से कैथेटर को मरीज के हृदय तक ले जाकर बैलून डाइलेशन एवं स्टेंटिग विधि द्वारा कोआर्कटेशन ऑफ एओरटा का बीना चीरा लगाकर सफल उपचार किया. उन्होंने बताया कि इस विधि का मेडिकल कॉलेज में पहली बार प्रयोग हुआ है.
मरीज को हर समय इलाज उपलब्ध
प्रधानाचार्य डॉक्टरआरसी गुप्ता ने कार्डियोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ धीरज सोनी, डा शशांक पाण्डेय, डा सी बी पाण्डेय तथा उनकी पुरी टीम को सफल ऑपरेशन के लिए बधाई दी.बताते चले की मेडिकल कॉलेज की सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में मरीजों को अधिक सुविधाओं का लाभ बेहद कम दरों में शासन के निर्देश अनुसार उपलब्ध कराया जाता है.वही मरीज ने बताया कि इस संबंध में दिल्ली एम्स सहित अन्य स्थानों को भी उपचार करना चाहा था. लेकिन वहां वेटिंग ज्यादा थी.
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FIRST PUBLISHED : August 28, 2023, 23:04 IST