उत्तर प्रदेश

Twin Towers News: आज ही के दिन गिराए गए थे सैकड़ों करोड़ की यह इमारत, अब खाली जमीन को लेकर मचा है बवाल – Tv News India

नोएडा. नोएडा में भ्रष्टाचार की बुनियाद पर बनी गगनचुंबी इमारत ट्विन टावर (Twin Towers) के ध्वस्तीकरण के आज एक साल (First Anniversary) पूरे हो गए हैं. आज ही के दिन 28 अगस्त 2022 को नोएडा के सेक्टर 93A स्थित एमरॉल्ड कोर्ट सोसाइटी की दो बिल्डिंगों को नोएडा प्राधिकरण ने गिरा दिया था. लेकिन, इस अवैध निर्माण के जिम्मेदार अधिकारियों पर अभी तक कार्रवाई नहीं हो सकी है. यूपी विजिलेंस, शासन और नोएडा प्राधिकरण की जांच अभी भी चल ही रही है. आपको बता दें कि शासन के द्वारा गठित एसआईटी ने इस मामले में 26 अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज किया था. इसी साल 23 मार्च को शासन ने इनमें से 11 अधिकारियों की जांच ग्रेनो प्राधिकरण के अएसडी सौम्य श्रीवास्तव को सौंपी थी, लेकिन इन अधिकरियों में से ज्यादातर ने अभी तक अपना जवाब नहीं सौपा है.

ट्विन टावर के निर्माण में जिन 26 अधिकारियों पर आरोप लगे हैं, उनमें से 20 अधिकारी अब रिटायर हो चुके हैं. जबकि, दो अधिकारियों की मौत हो चुकी है. 4 अधिकारी जो सेवा में थे, वे अब निलंबित चल रहे हैं. इस मामले की जांच अधिकारी की मानें तो जिंदा बचे 24 आरोपियों में से सिर्फ 7 लोगों ने ही जवाब दाखिल किया है, वह भी जवाब अधूरे हैं. अभी तक अन्य आरोपी अधिकारियों की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है.

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यूपी सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने इस मामले में 26 अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज किया था.

28 अगस्त 2022 को किया गया था ध्वस्त
बता दें कि 28 अगस्त 2022 को ध्वस्त किए गए ट्विन टावर्स को सुपरटेक ने बनाया था. सुपरटेक लिमिटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर आरके अरोड़ा भी अब एक दूसरे मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं. नोएडा में ध्वस्त किए गए ट्विन टावर्स एपेक्स और सेयेन नोएडा प्राधिकरण द्वारा आवंटित भूमि पर निर्मित सेक्टर-93 ए में एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट का एक हिस्सा था. ट्विन टावर ब्लिडिंग प्लान को 2009 में नोएडा अथॉरिटी ने अप्रूव किया था, जिसे बाद में सोसाइटी के लोगों ने विरोध किया. हालांकि, कंपनी का दावा था कि इस टावर का निर्माण उस वक्त के भवन नियमों के अनुसार था.

26 अधिकारियों पर कार्रवाई
बता दें कि सुपरटेक के इस अवैध ट्विन टॉवर को सुरक्षित तरीके से गिराने के लिए दो ही विकल्प थे, पहला विस्फोटक से कुछ सेंकेड में गिरा दिया जाए. दूसरा, तोड़ा जाए जिसमें डेढ़ से दो साल का समय लगता. यह बात विशेषज्ञों ने कही थी. पिछले साल 28 अगस्त को दोपहर 2.30 बजे 9 सेकेंड में ट्विन टावरों को ध्वस्त कर दिया गया था. जहां पर पहले ट्विन टावर खड़े थे, वहां पर सोसाइटी के लोगों ने विजय पथ का निर्माण करा दिया है. मलबा हटने के बाद यहां पर पांच मीटर की सड़क बना दी गई है.

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यह इमारत करीब 100 मीटर ऊंची थी, जो कुतुब मीनार से भी ऊंची थी. इमारत को गिराने के लिए विदेशों से इंजीनियर की टीम बुलाा गया था. वाटर फॉल इम्प्लोजन तकनीक से सुरक्षित तरीके से गिराया गया. गिराते वक्त यह सुनिश्चित किया कि आसपास की इमारतों को नुकसान न पहुंचे और हुआ भी यही. जिस कंपनी ने यह गिराया इससे पहले वही कंपनी ने केरल के कोच्चि स्थित मराडू कॉप्लेक्स को गिराया था. इन दो सोसाइटी एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज के करीब पांच हजार निवासियों को घरों को खाली करने का आदेश दिया गया था. निवासियों ने अपने करीब 2700 वाहनों और पालतू जानवरों को भी वहां से हटाया था.

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