नई दिल्ली(टीवी न्यूज़ इंडिया)। कई बच्चों में मिट्टी खाने की आदत होती है। इसे पिका ईटिंग डिसऑर्डर की समस्या कही जाती है। जिसमें बच्चे मिट्टी, कंकड़, बाल, चॉक जैसी अनचाही वस्तुएं खाने लगते हैं। ये आदत बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हो सकती है और समय रहते इसका इलाज जरूरी होता है। विशेषज्ञों की मानें तो इस बीमारी का सटीक कारण अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है लेकिन इसे शरीर में आयरन और जिंक की कमी से जोड़कर देखा जाता है। मस्तिष्क में खून की कमी होने से भी ये डिसऑर्डर हो सकता है। लंबे समय तक मिट्टी, कंकड़ या अन्य अस्वास्थ्यकर वस्तुएं खाने से बच्चों के पेट में कीड़े लग सकते हैं, जिससे उनकी भूख कम हो जाती है। इसके अलावा, फूड पॉइजनिंग का खतरा भी इस बीमारी के चलते काफी बढ़ जाता है। इस बीमारी की कोई विशेष दवा नहीं है लेकिन कुछ मामलों में मल्टी विटामिन और सप्लीमेंट देकर इलाज किया जाता है। बच्चों की आदतों में बदलाव लाना और उन्हें सही समय पर उचित पोषण देना इस डिसऑर्डर से निपटने में मददगार हो सकता है। पिका ईटिंग डिसऑर्डर को ठीक करने के लिए बच्चों का ध्यान अन्य स्वस्थ खाद्य पदार्थों पर केंद्रित करना बेहद जरूरी है। उन्हें खेलने-कूदने और स्वस्थ आदतों में व्यस्त रखने से इस बीमारी की आदतों को धीरे-धीरे बदला जा सकता है।