चाइनीज दीपक, झालरों के मुकाबले इस दीपावली पर देसी दीयों की डिमांड बढ़ी

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वोकल फॉर लोकल की अपील का असर लोगों के बीच देखने को मिल रहा

नई दिल्ली,(टीवी न्यूज़ इंडिया)। दीपावली का लोग ब्रेसबी से इंतजार कर रहे हैं। दीपावली को लेकर मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हार दिन-रात दीये बनाने के काम में जुटे हैं। कुम्हारों को उम्मीद है कि दीपावली पर इस बार लोगों के घर-आंगन मिट्टी के दीये से जगमग होंगे और उनका कारोबार बढ़ेगा। वहीं दिल्ली के पहाड़गंज इलाके में प्रजापति समाज ने बड़े पैमाने पर मिट्टी के दीये बनाना शुरू कर दिए हैं। दीपक बनाने वाले एक शख्स ने कहा कि मार्केट में चाइनीज दीपक और रंग बिरंगी लाइटों की डिमांड से मिट्टी के बने देसी दीयों की डिमांड दिन ब दिन घटती जा रही है लेकिन उन्हें उम्मीद है इस बार लोग मिट्टी का दीये ज्यादा जलाएंगे। इस साल हर साल से ज्यादा दीपक की डिमांड मार्केट में है। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि जब से विदेशी और चीनी लाइटों पर शिकंजा कसा गया है, तब से दीपकों की डिमांड बढ़ी गई है। वोकल फॉर लोकल की अपील का असर लोगों के बीच देखने को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि लोग चीनी झालरों के बजाय मिट्टी के दीयों को प्राथमिकता दे रहे हैं। इससे हमारे काम को बढ़ावा मिल रहा है। रोजगार के अवसर बढ़ गए हैं। उन्होंने कहा कि हम लोगों को दीपक बनाने के लिए मिट्टी खरीदनी पड़ती है। उसके बाद मिट्टी को छानकर रात भर पानी में भिगोकर फिर चाक पर दीपकों को तैयार किया जाता है। दीपक बनाने में जितनी मेहनत लगती है, उनको उतना मुनाफा नहीं मिला है। दिल्ली में प्रदूषण के चलते हम लोग बड़ी भट्टी नहीं लगा पाते हैं।

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