नई दिल्ली (टीवी न्यूज़ इंडिया)। डायबिटीज की समस्या तेजी से बढ़ रही है, और इस संदर्भ में चावल का सेवन एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि डायबिटीज के मरीज सीमित मात्रा में चावल का सेवन करें, तो यह उनके लिए हानिकारक नहीं होगा। चावल में उच्च मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होता है, और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) स्कोर भी अधिक है, जिससे रक्त शर्करा का स्तर प्रभावित हो सकता है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि सही तरीके से चावल खाने पर इससे कोई गंभीर समस्या नहीं होगी। विशेषज्ञों की सलाह है कि डायबिटीज के मरीजों के लिए नियमित खाने का समय होना चाहिए। लंबे समय तक भूखा रहने से रक्त शर्करा का स्तर असंतुलित हो सकता है। यदि किसी व्यक्ति को डायबिटीज है, तो उसे दिन में एक बार चावल खाने की अनुमति है, लेकिन उसी दिन रोटी का सेवन नहीं करना चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार चावल का सेवन करते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे : स्टार्च निकालना: चावल से स्टार्च निकालने के बाद इसे खाने से यह और भी फायदेमंद हो सकता है। पोषण पर ध्यान: चावल में कई अन्य पोषक तत्व होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं। दक्षिण भारतीय आहार में चावल एक मुख्य घटक है। यदि चावल इतना हानिकारक होता, तो दक्षिण भारत के लोगों में डायबिटीज का खतरा अधिक होता, लेकिन ऐसा नहीं है। लोगों का मानना है कि ब्राउन राइस डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहतर है, जबकि व्हाइट राइस से बचना चाहिए। विशेषज्ञ इस धारणा को खारिज करते हैं और कहते हैं कि डायबिटीज के मरीज किसी भी प्रकार का चावल खा सकते हैं, बशर्ते इसे सही तरीके से तैयार किया जाए। बासमती चावल को भारत में उच्चतम गुणवत्ता वाला माना जाता है और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स 50 से 58 के बीच होता है। एक मुट्ठी चावल में 1 ग्राम डाइट्री फाइबर, 36 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 3 ग्राम प्रोटीन होता है। डाइट्री फाइबर टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को कम करने में मदद करता है। डायबिटीज के मरीजों को चावल का सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए और सही खान-पान की आदतें अपनानी चाहिए। यदि उचित तरीके से खाया जाए, तो चावल डायबिटीज के मरीजों के लिए एक सुरक्षित और पौष्टिक विकल्प बन सकता है।