भारत की हार के बावजूद हरमनप्रीत का आत्मविश्वास बरकरार

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नई दिल्ली (टीवी न्यूज़ इंडिया)। भारत के कप्तान हरमनप्रीत सिंह, जो अपनी गोल करने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं, ने बुधवार को मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में जर्मनी के खिलाफ खेले गए द्विपक्षीय हॉकी सीरीज के पहले मैच में महत्वपूर्ण पेनल्टी स्ट्रोक चूकने के बावजूद टीम के प्रदर्शन को लेकर सकारात्मकता दिखाई।

हरमनप्रीत ने मैच के बाद कहा, यह खेल का हिस्सा है। मैंने गोलकीपर को चकमा दिया, लेकिन उसने अच्छा बचाव किया। अगर हम पूरे खेल को देखें, तो हमने अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन डिफेंस में सुधार की आवश्यकता है। अगले मैच में हम उन कमियों पर काम करेंगे।

जर्मनी का दबदबा मैच की शुरुआत में ही जर्मनी ने भारतीय सर्कल में पहला हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप हेनरिक मर्टगेंस ने जर्मनी के लिए पहला गोल किया। इसके बाद, जर्मनी ने बढ़त को दोगुना करने की कोशिश की, जबकि भारत कुछ मौके बनाने में असफल रहा। दूसरे क्वार्टर में, भारत ने जर्मनी को बैकफुट पर रखा और बराबरी की तलाश की। भारतीय टीम को तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन संजय, अमित और हरमनप्रीत इन मौकों का फायदा उठाने में नाकाम रहे। इसके बाद, तीन मिनट बचे रहने पर भारत को एक पेनल्टी स्ट्रोक मिला, लेकिन जर्मन गोलकीपर जोशुआ ओनीक्यू ननाजी ने हरमनप्रीत का शॉट रोककर जर्मनी की बढ़त को बनाए रखा।

हाफ के आखिरी मिनट में, जर्मनी ने पलटवार करते हुए एक पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया। लुकास विंडफेडर ने गोलकीपर सूरज करकेरा और हरमनप्रीत के बीच गैप पाते हुए गोल दागा, जिससे जर्मनी की बढ़त 2-0 हो गई। तीसरे क्वार्टर में भारत ने कई प्रयास किए, लेकिन जर्मनी ने उनकी बढ़त को बचाए रखने में कोई कमी नहीं छोड़ी। भारत को पांचवें मिनट में एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन जर्मनी के गोलकीपर ने हरमनप्रीत की फ्लिक को रोक दिया। भारत का संघर्ष भारत ने जवाबी हमले की कोशिश की, लेकिन हरमनप्रीत का रिवर्स शॉट केवल साइड नेटिंग तक सीमित रहा। अंतिम क्वार्टर की शुरुआत में, जर्मनी ने अपनी बढ़त को और बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन भारतीय डिफेंडर अमित रोहिदास ने किसी भी खतरे को टालने के लिए तत्परता दिखाई। दूसरी ओर, भारत ने अपने पहले गोल की तलाश में मेहनत जारी रखी, लेकिन गोल करने के मौके नहीं बना सका। मैच अंततः जर्मनी के पक्ष में 2-0 से समाप्त हुआ।

हरमनप्रीत ने कहा कि टीम आत्मविश्वास के साथ अगले मुकाबले में वापसी करेगी। उनकी सकारात्मक सोच और अनुभव निश्चित रूप से भारतीय टीम के लिए आगे बढ़ने में सहायक होंगे। अब सभी की नजरें अगले मैच पर हैं, जहां भारत एक नए जोश के साथ अपनी वापसी करने की कोशिश करेगा। यह देखना होगा कि क्या भारतीय टीम अपनी कमियों पर काम कर सकेगी और जर्मनी के खिलाफ अगले मुकाबले में अपनी खोई हुई लय वापस पा सकेगी।

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